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मोहर्रम पर निकला ताजिया जुलूस: दातागंज में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, घरों पर रखे ताजिए, लोगों ने बांटा प्रसाद

मोहर्रम पर निकला ताजिया जुलूस: दातागंज में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल, घरों पर रखे ताजिए, लोगों ने बांटा प्रसाद 





संवाददाता अभिषेक वर्मा
बदायूं /यूपी : बदायूं के दातागंज में मोहर्रम के अवसर पर रविवार को पुलिस सुरक्षा के बीच ताजिया जुलूस निकाला गया।  अकीदतमंदों ने कर्बला के शहीदों को याद किया। जुलूस में युवाओं ने छप्पन छूरी और जंजीरों से मातम किया। बच्चों और महिलाओं ने मेलों में खरीददारी की। हर गांव से 'या हुसैन' की सदाएं गूंजीं।ताजिया जुलूस निर्धारित मार्गों से होते हुए कब्रिस्तान तक पहुंचा। थाना प्रभारी दातागंज गौरव बिश्नोई, प्रभारी हेडमुहरर थाना उपनिरीक्षक विनोद कश्यप ,हेड कांस्टेबल हरीश कुमार, पंकज सैनी, हेड कांस्टेबल सुरेंद्र गंगवार ,  राजकुमार सिंह कांस्टेबल गौरव नागर होमगार्ड अखिलेश वर्मा आदि ने व्यवस्था संभाली। रविवार को जिले में मोहर्रम की रस्मों के तहत इमाम हुसैन की शहादत की याद में छुरी का मातम किया गया।बीती रात आग का मातम भी मनाया गया। सुबह से ही मुस्लिम समुदाय के लोग ताजिये के साथ जुलूस में शामिल हुए और कर्बला पहुंचकर ताजिये को दफन किया। इस दौरान या हुसैन या हुसैन की सदाओं के बीच अकीदतमंदों ने मातम किया और इमाम की कुर्बानी को याद किया।मोहर्रम पर दातागंज में छुरी का मातम हुआ:इमाम हुसैन की शहादत में जुलूस निकाला गया, जिसमें पीएसी और पुलिस की सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे।

दातागंज में इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम गम और मातम का महीना माना जाता है। मुहर्रम के 10वें दिन को आशूरा कहा जाता है। जिसे शिया समुदाय बड़ी अकीदत और श्रद्धा के साथ मनाता है। रविवार को नगर में मोहर्रम की रस्मों के तहत इमाम हुसैन की शहादत की याद में छुरी का मातम किया गया। बीती रात आग का मातम भी मनाया गया। सुबह से ही मुस्लिम समुदाय के लोग ताजिये के साथ जुलूस में शामिल हुए और कर्बला पहुंचकर ताजिये को दफन किया। इस दौरान या हुसैन या हुसैन की सदाओं के बीच अकीदतमंदों ने मातम किया और इमाम की कुर्बानी को याद किया।हर साल इस दिन को मातम और शोक के रूप में मनाता है ताजियादारी में शामिल लोगों ने छुरी और जंजीरों से मातम कर गम का इजहार किया। दातागंज प्रभारी निरीक्षक गौरव बिश्नोई ने थाना पुलिस के साथ मीटिंग सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। जुलूस के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रमुख चौराहों पर पुलिस बल तैनात रहा। सिविल ड्रेस में कई जगह थाना प्रभारी द्वारा पुलिस कर्मी लगाये गए,वही कई वार सम्मानित किए जाने वाले   हॉनर कॉन्स्टेबल राजकुमार सिविल ड्रेस में डटे दिखाई दिए, हेड कांस्टेबल हरीश कुमार, सुरेंद्र गंगवार भी झुलुस की व्यवस्था सभालते दिखे, वही वरिष्ठ उपनिरीक्षक  संजीव कुमार,राजस्व निरीक्षक राजकुमार जुलूस के साथ चलते दिखे। मोहर्रम की यह परंपरा इंसानियत और हक के लिए दी गई कुर्बानी की मिसाल मानी जाती है।माना जाता है कि 61 हिजरी में कर्बला के मैदान में यजीद के जुल्म के खिलाफ हजरत इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ शहादत दी थी। इसी वजह से मुस्लिम समुदाय मोहर्रम को गम का महीना मानता है। हर साल इस दिन को मातम और शोक के रूप में मनाता है। हजरत इमाम हुसैन पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब के नवासे थे। उन्होंने जालिम शासक यजीद के खिलाफ जंग का ऐलान किया। कर्बला में भूख-प्यास के बावजूद डटे रहे और शहीद हो गए। उनकी कुर्बानी की याद में मोहर्रम में मातम और ताजियादारी की जाती है। वही दातागंज सीओ  के के तिवारी ने मुहर्रम को लेकर जुलूस में सादा बर्दी में पुलिसकर्मियों को लगाया था जिसके चलते मुहर्रम का जुलूस शांतिपूर्ण अच्छे से निकल गया। मुहर्रम के जुलूस से पहले  कोतवाली परिसर दातागंज में कैम्प कर पुलिसकर्मियों को  मुहर्रम के जुलूस को सही ढंग से सुरक्षित निकलने को लेकर महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए थे, आदर्श नगर पालिका परिषद  के पूर्व अध्यक्ष  मोहम्मद इसहाक सीनियर एडवोकेट एवं उनके बेटे हाजी मज़हर एडवोकेट सम्मानित लोगों के साथ मौजूद दिखे, वही मौलाना चाँद मियां अपने परिवार  के साथ शरबत,बिस्कुट आदि बाटते दिखे।