सीएम योगी ने चलाई ऐसी योजना, मुस्लिम भी करेंगे योगी की जय - जय कार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसा एक काम कर दिया है जिसके बाद पूरे देश में उनकी तारीफें हो रही हैं. यहां तक कि जब इस काम के बारे में योगी को कट्टर हिन्दू कहने वाले अन्य धर्म के लोग सुनेंगे तो वो भी कहेंगे कि कि ये तो कमाल ही हो गया. दरअसल अब उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के आंकड़े सामने आए हैं, जिसमें मुस्लिम लड़कियों के निकाह के लिए दी गई सहायता राशि सबको चौंका कर रख देगी. पूरे उत्तर प्रदेश में जितनी लड़कियों की शादी हुई है उसमें लगभग 10 फीसदी के आसपास मुस्लिम लड़कियां हैं, दरअसल 2017 में योगी सरकार ने प्रदेश की बेटियों की शादी के लिए एक योजना शुरू की थी, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी में मदद करने के लिए सरकार आर्थिक सहायता देती है.
2017 से 2025 के बीच जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक...
- पूरे उत्तर प्रदेश में कुल 4,77,680 बालिकाओं का विवाह बीते 8 सालों में हुआ है.
- अब तक सरकार 2378.11 करोड़ रुपये बेटियों की शादी में खर्च कर चुकी है.
- 8 साल में 45,698 अल्पसंख्यक लड़कियों का निकाह इस योजना के तहत हुआ है.
- 2025-26 में भी लगभग 112 अल्पसंख्यक बेटियों को योजना का लाभ मिल चुका है
- सामान्य वर्ग की 20,679 निर्धन बालिकाओं का विवाह इस योजना के तहत कराया गया है.
- एससी-एसटी वर्ग की 2,57,572 बालिकाओं को योजना का लाभ मिला है
- अन्य पिछड़ा वर्ग की 1,53,731 बालिकाओं की शादी में सरकार ने सहायता की है
अब योगी सरकार ने एक और बड़ा काम इस योजना में किया है, दरअसल पहले आर्थिक सहायता के रूप में 51 हजार रुपये दिए जाते थे, जिसे बढ़ा कर अब 1 लाख कर
दिया गया है. इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग में इस वर्ष से सामान्य वर्ग के परिवारों के लिए योजना में बदलाव करते हुए ऐसे परिवार जो गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं. जिनकी ग्रामीण क्षेत्र में वार्षिक आय 45000 तथा शहरी क्षेत्र में 55000 से कम है. ऐसे सामान्य परिवार की बच्चियों की शादी के लिए विभाग ₹20000 की सहायता राशि अलग से देगा. ऐसे परिवारों को अपनी बच्चियों की शादी के 3 महीने के अंदर समाज कल्याण विभाग में जाकर अपनी शादी का पंजीकरण करना होगा फिर वह इसका लाभ ले सकेंगे. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में शादी करने वाले जोड़ों का आधार के माध्यम से स्पॉट पर ही बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को भी शामिल किया गया है. साथ ही शादी करने वाले जोड़ों को मौके पर ही शादी पंजीकरण सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा ताकि इस पूरी योजना में होने वाले किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके.
क्योंकि ये योजना भी पहले फर्जीवाड़े का शिकार हो चुकी है, दरअसल सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा बलिया जिले में सामने आया था जहां पर 355 बेटियों को इस योजना का लाभ नहीं दिया गया था, जिले में 1640 बेटियों की शादी करने का लक्ष्य रखा गया था. इसके लिए 2789 आवेदन आए थे, इस दौरान 1285 लड़कियों की शादी के दौरान करीब 250 जोड़े अपात्र मिले थे, जिस पर एक्शन लेते हुए सरकार ने 17 लोगों को जेल भी भेजा था, तो वहीं सुल्तानपुर में दो बच्चों की मां की शादी भी योजना के तहत करा दी गई थी, इसी तरह के करीब 34 केस सामने आए थे. जिस पर जांच भी बिठाई गई थी.
यही वजह है कि सरकार ने प्रक्रिया को और भी ज्यादा पारदर्शी बनाने की कोशिश की है, लेकिन इसके साथ ही समाज के हर वर्ग को इस योजना का लाभ देकर योगी सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि किसी भी योजना में मुस्लिमों को पीछे नहीं रखा जा रहा है, जबकि इस योजना के सबसे कम लाभार्थी सामान्य जातियों से हैं, जिनका पक्षपाती होने का आरोप हमेशा योगी आदित्यनाथ पर लगाया जाता है.
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