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गर्लफ्रेंड के चक्कर में बैंक में लगा दी सेंध

गर्लफ्रेंड के चक्कर में बैंक में लगा दी सेंध




बदायूं । वजीरगंज पुलिस ने कस्बा बगरैन स्थित प्रथमा ग्रामीण बैंक में हुई चोरी का खुलासा कर दिया है। दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से बैंक से चोरी किया गया स्कैनर, बैंक के प्रपत्र रखा बैग, एक तमंचा व एक कारतूस बरामद हुआ। बैंक के प्रपत्रों को उन्होंने भविष्य में फ्रॉड के लिए संभालकर रखा था। पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया। पकड़े गए मुख्य आरोपी ने बताया कि प्रेमिका को दो लाख रुपये देने थे इसलिए बैंक में सेंध लगा दी। 

तीन फरवरी की रात चोरों ने बैंक के मेन गेट का ताला तोड़ा था। सीसीटीवी कैमरे व सायरन की केबिल काट दी थी। वह स्ट्रांग रूम नहीं तोड़ पाए थे। अगले दिन घटना की जानकारी हुई थी। बैंक ने चोरी का आंकड़ा जारी नहीं किया था। छह फरवरी को एसपी देहात डॉ. केके सरोज ने निरीक्षण किया था। कर्मचारियों से जानकारी की थी। एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने जल्द खुलासे का निर्देश दिया। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी। सोमवार को वाहन चेकिंग के दौरान प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बगरैन निवासी फिरोज पुत्र चमन को पकड़ा। जिसके पास से तमंचा व जिंदा कारतूस मिला। पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर बैंक से चोरी किया गया स्कैनर बरामद हुआ। उसने अपने साथी का नाम बगरैन निवासी कासिम पुत्र मोहम्मद शेर बताया। जिसके बाद पुलिस ने भवानीपुर तिराहे से कासिम को पकड़ा। जिसके पास से बैंक के प्रपत्र रखा बैग मिला।

दिल्ली में लूटा था 25 लाख का सोना
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि फिरोज पिछले साल नई दिल्ली के थाना आदर्श नगर क्षेत्र में 25 लाख का सोना लूटने की घटना में जेल जा चुका है। तीन महीने जेल में रहने के बाद 26 जनवरी 2025 को अपने घर बगरैन लौटा था। फिरोज ने बताया कि उसके अपने दिल्ली निवासी प्रेमिका को दो लाख रुपये भिजवाने थे। वह दो-तीन बार प्रथमा ग्रामीण बैंक गया। जहां उसका खाता भी है। वह खाते से रुपये निकालने के बहाने रेकी करता रहा। जिससे किसी को शक न हो। 

बैंक का हूटर बजा तो डरकर भागे
फिरोज समझ किया कि बैंक में आसानी से चोरी की जा सकती है। उसने कासिम के साथ चोरी की चर्चा की। वह 3 फरवरी को सीसीटीवी कैमरे से खुद को छिपाते हुए ताले काटकर बैंक में घुसे थे। लॉकर तोड़ने का प्रयास किया लेकिन सड़क पर पुलिस की गाड़ी का हूटर बजा तो वह डर गए और लॉकर नहीं तोड़ सके। उन्होंने कैश काउंटर के नीचे तारा रखा बैग रखा था। वह स्कैनर या कैमरे में न आएं इसीलिए डीवीआर समझकर एक छोटी मशीन उठाकर ले गए थे।

ताला तोड़ने के औजार बैंक में छूटे
जल्दबाजी में ताला तोड़ने के औजार बैंक में रह गए थे। बैंक से बाहर आकर डीवीआर जैसे दिखने वाली मशीन व कंप्यूटर के साथ की मशीन बगरैन के तालाब में फेंक दी थी। बैग खोलकर देखा तो उसमें कुछ बाउचर व कागज मिले। बैंक का स्कैनर, प्रपत्रों को बैंक में आगे फ्रॉड करने के लिए अपने पास रख लिए थे। गिरफ्तारी करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक के साथ उपनिरीक्षक सुपेंद्र मलिक व राजीव चौहान, हेड कांस्टेबिल देवेंद्र सिंह, कांस्टेबिल सन्नी देव, लविन कुमार, संजीव कुमार रहे।